Yogi Adityanath Untold Life Story
विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं और जैसा कि आप सब जानते ही होंगे कि भारतीय जनता पार्टी के योगी आदित्यनाथ जी ने इस चुनाव को जीतकर एक नया रिकॉर्ड कायम कर दिया है रिकॉर्ड इसलिए क्योंकि 80 इसके बाद से पहली बार ऐसा हुआ है.
यह भी पढे –indigo Loot rha hai Darbhanga walo ko,होली पर मनमाना करिया ले रहा है इंडिगो
कि एक ही व्यक्ति लगातार दूसरी बार यूपी का CM बना है योगी आदित्यनाथ कोई पॉलिटिशन के रूप में तो हर कोई जानता है लेकिन क्या पता है योगी जी cm होने के साथ ही मैगजीन योग्वार्दा और गोरखनाथ मंदिर के महंत भी है और देश मे सबसे कम उम्र के सांसद बनने का रिकॉर्ड है भी उन्ही के नाम है.
अब योगी जी के निजी जीवन से जुड़ी हुई बहुत सारी ऐसी इंटरेस्टिंग बातें हैं जिन्हें ज्यादा तो लोग नहीं जानते हैं और आज के इस वीडियो में हम आपको योगी जी की लाइफ से जुड़ी हुई कुछ ऐसे ही इंटरेस्टिंग पहलुओं के बारे में बताने वाले हैं.
योगी जी का माता पिता का क्या नाम है?
तो दोस्तों योगी आदित्यनाथ जी का जन्म 5 जून 1972 के दिन उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के पंचूर गांव में रहने वाली एक गढ़वाली राजपूत परिवार में हुआ था जन्म के समय उसका नाम अजय सिंह बिष्ट रखा गया था योगी आदित्यनाथ नाम उन्हें संन्यास लेने के बाद से दिया गया योगी जी के पिता का नाम आनंद सिंह बिष्ट और माता का नाम सावित्री देवी है
उनके पिता एक फॉरेस्ट रेंजर थे जिनका दिहांत साल 2020 में कोरोना लॉकडाउन के दौरान हुआ था फैमिली की अगर बात करें तो योगी जी चार भाइयों और तीन बहनों यानी कि साथ भाई बहनों में दूसरे नंबर पर पैदा हुए थे.
यह भी पढे –Why Is Bihar A Poor State,बिहार एक गरीब राज्य कैसे बना
योगी जी कितने पढे लिखे है?
वही एजुकेशन की अगर बात की जाए तो उन्होंने अपनी हाई स्कूल तक की पढ़ाई पौड़ी गढ़वाल के ही लोकल school से की और फिर इंटरमीडिएट की पढ़ाई ऋषिकेश की श्री भारत मंदिर इंटर कॉलेज से कंप्लीट की थी और फिर इसके
बाद से आगे की पढ़ाई के लिए उन्होंने श्रीनगर की हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल यूनिवर्सिटी में एडमिशन ले लिया जहां से उन्होंने B.SC Mathematics कर के अपने बेच्लेर्स की डिग्री हासिल की
हलाकि इसके बाद MSC करने के लिए एडमिशन ले लिया था उस समय राम मंदिर के लिए हो रहे आन्दोलन से उनका धियान पढाई से हट गया और उस आन्दोलन से जुड़ ने के लिए योगी जी ने अपनी पढाई बिच में ही छोड़ दी अब यू तो
योगी जी ने पिछले साल 1998 ओफ्फिसल पॉलिटिक्स ज्वाइन करली लेकिन सही मान्य में देखते तो पोलित्कल कैरियर इसे कही साल पहले ही हो गयी यही दरसल योगी जी को पॉलिटिक्स में दिल चस्पी बहुत पहले से थी जिस के चलते
कॉलेज की पढाई के दूरान अखिल भारतीय विधार्थी परिषद यानी की ABVP ज्वाइन कर लिया था.
और उनकी गिनती एबीवीपी के उभरते हुए स्टूडेंट लीडर की जाने लगी थी अब योगी जी स्टूडेंट इलेक्शन लड़ना चाहते थे लेकिन ABVP ने उन्हें टिकट नहीं दिया उन्होंने
ऐसे में उन्होंने एक निर्दलीय सदस्य के रूप में चुनाव लाडे थे और उन्मेंहें हार नसीब हुई योगी थी अब दोस्तों यहाँ तक देखे तो इनके भी लाइफ दुसरो की तरह आम जिंदगी की तरह थी
यह भी पढे –bihar itna garib kyon hai,बिहार भारत का सबसे गरीब राज्य क्यों है?
यहां तक कि उस समय वे अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद से कोई अच्छी जॉब करते हुए अपना जीवन बिताना चाहते थे लेकिन फिर तभी कुछ अचानक ऐसा हुआ जिससे कि उनकी लाइफ हमेशा के लिए बदल के दरअसल हुआ यह
कि जब कॉलेज में थे तभी अयोध्या राम मंदिर भूमि तेज हो गया था और जो कि योगी जी की शुरुआत से ही राम मंदिर निर्माण के पक्ष में थे इसलिए उस मूवमेंट में अपना योगदान देने के लिए साल 1990 में उन्होंने ये आंदोलन ज्वाइन कर लिया था इसके दौरान उनकी मुलाकात महंत अवैध नाथ जी से हुई थी
-
अजय सिंह कैसे बने योगी आदित्यनाथ?
जो कि उस समय गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी व पीठाधीश्वर थे योगी जी महंत अवैद्यनाथ जी से मिलकर इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने अपना पूरा जीवन उनका शिष्य बन कर बिताने का निर्णय ले लिया और इस तरह सिर्फ 21 साल की उम्र में उन्होंने अपने घर पर बिना बताए सांसारिक जीवन सन्सेयास लेकर महंत अवैध नाथ जी का आश्रम को ज्वाइन कर लिया
महंत अवैध नाथ योगी की विचारधारा और इतनी कम उम्र में उनकी पैशन को देखकर काफी ज्यादा इंप्रेस हुए जिसके चलते 15 फरवरी 1994 के दिन उन्होंने योगी जी को नाथ संप्रदाय की गुरु दीक्षा देकर उन्हें अपना शिष्य बना लिया था और इस तरह से उनका नाम अजय सिंह से बदलकर योगी आदित्यनाथ हो गया इसके बाद से योगी जी सच्चे मन से
अपने गुरु की सेवा में लग गए और साथ ही उन्होंने आश्रम का पूरा कार्यभार भी अपने खुद के कंधों पर ले लिया और दोस्तों ऐसे ही योगी जी की सेवा को देखते हुए सिर्फ कुछ ही समय में महंत जी ने अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया और सन 1998 में उन्होंने योगी जी को अपना पॉलिटिकल वारिश भी बना दिया
दरसल महंत जी मंदिर के पुजारी होने के साथ ही एक मझे हुए पॉलीटिशियन भी थे जहा वेह
हिंदू महासभा व भारतीय जनता पार्टी के लिए गोरखपुर से चार बार सांसद रह चुके थे साल 1998 में महंत अवैद्यनाथ जी ने योगी जी से कहा कि इस बार उनकी जगह पर गोरखपुर सीट से लोकसभा का इलेक्शन लडे और योगी जी महंत जी
का बात कैसे टाल सकते थे ना कोई सवाल किए उस इलेक्शन में खड़े हो गए और इस तरह से योगी जी के ऑफिशियल पॉलीटिकल करियर की शुरुआत हो गई जहां उन्होंने ना सिर्फ अपने ही इलेक्शन में जबरदस्त जीत दर्ज की थी बल्कि साथ ही 26 साल की उम्र में देश के सबसे कम उम्र के सांसद बनने का रिकॉर्ड अपने नाम करवा लिया
इसके बाद साल 1998 से 2017 तक वे गोरखपुर सेट से लगातार पांच बार सांसद बने तो सांसद बनकर योगी जी ने बहुत से अलग अलग हुआ हम काम किए लेकिन उनमें सबसे ज्यादा पहचान उनकी ओर से हिंदू युवा वाहिनी ग्रुप ने दिलाई जिसका गठन उन्होंने साल 2002 के दौरान किया था योगी जी ने गौ माता की सेवा और एंटी हिंदू एक्टिविटी से
डील करने के लिए बनाया था और दोस्तों इस तरह से योगी जी ने अपने काम से करीब 20 सालों तक सभी को बहुत ज्यादा प्रभावित किया जिसके चलते भारतीय जनता पार्टी में साल दर साल उनका दर्द बड़ा होता चला गया लेकिन उनके पॉलीटिकल करियर का सबसे बड़ा टर्निंग प्वाइंट 2017 का उतर प्रदेश का विधानसभा चुनाव साबित हुआ
दरअसल वह समय था जब भारतीय जनता पार्टी को 2015 के दिल्ली इलेक्शन में आम आदमी पार्टी से बुरी तरह से हार मिली थी ऐसे में पार्टी के लिए 2017 का यूपी इलेक्शन बहुत ही ज्यादा इंपॉर्टेंट हो गया था और बीजेपी किसी भी हाल में
इलेक्शन को हारना नहीं चाहती थी तो दोस्तों अब बीजेपी के सामने सबसे बड़ा सवाल यह था कि यूपी में सीएम का चेहरा किसको बनाया जाए और इस सवाल के जवाब के लिए 2016 में गोरखनाथ मंदिर के अंदर एक मीटिंग की गई जिसमें कि
बीजेपी और आरएसएस के सभी नेता शामिल हुए थे और सभी ने आपस में मिलकर यह फैसला लिया इस बार बीजेपी की तरफ से यूपी के सीएम उम्मीदवार योगी आदित्यनाथ जी होंगे और योगी जी नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने यूपी के अंदर पूर्ण बहुमत से किस तरह से सरकार बनाई सभी लोग जानते ही हैं
अब योगी जी संत यूपी के सीएम ही नहीं बल्कि गोरखनाथ मंदिर के महंत भी हैं दरअसल 2014 में महंत अवैद्यनाथ जी का देहांत हो जाने के बाद से नाथ पंथ के ट्रेडीशनल रिचुअल्स के अनुसार योगी जी को गोरखनाथ मंदिर का महंत और
पीठाधीश्वर बना दिया गया था और तभी से भी जिम्मेदारी को भी संभाले हुए हैं इसके अलावा योगी जी योगवादी मंथली मैगज़ीन एडिटर भी है साथ ही वे योगिक प्त्कर्स, हटयोग,हिन्दू रास्त नेपाल, वतर्मान एव भविस्य, और राजयोग जैसी किताबे लिख कर उन्हें पब्लिश कर चुके है
अब योगी जी के दिनचर्या की अगर बात करें तो बिल्कुल सिंपल लाइफ जीना पसंद करते हैं और आप लोगों ने तो देखा ही होगा कि हमेशा भगवा रंग का सादा कुर्ता पहने हुए नजर आते हैं और उनके बारे में एक खास बात यह भी है कि वह कुत्ते
बिल्ली बंदर और गाय जैसे जानवरों से बहुत प्यार करते हैं खासतौर से गायों से इतना लगाव है की वो खुद नाश्ता करने से पहले गायों को चारा खिलाते हैं और इतना इन्हीं नही सुभ कामो से निपटने के बाद गौशाला में गायों की सेवा भी करते हैं इस समय योगी जी की उम्र 49 साल है और दूसरी बार यूपी के cm बन चुके है
- दरभंगा एम्स क्यों नही बन रहा है,दरभंगा एम्स हॉस्पिटल
- बिहार के सबसे रंगबाज़ जिला जो 90 के दर्शक में पुरे भारत में फेमस था,bihar ke rang baaz jila