
दशकों से लोग डालमियानगर फैक्ट्री पिक्चर न्यू को देखते आ रहे हैं बहुत से लोगों को तो यह भी पता नहीं होगा कि देश को आजादी दिलाने के लिए आजाद हिंद फौज बनाकर अंग्रेजी शासन के चूले हिला देने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस से इन शिविरों पर गहरा रिश्ता है.
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नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए मार्च 1938 में डालमियानगर रोहतास उद्योग समूह परिसर का उद्घाटन किया था लगभग 84 वर्ष पूर्व देश का सबसे बड़ा सीमेंट कारखाना माना जाता था. जिस पर पूरे इलाके की अर्थव्यवस्था आधारित थी लेकिन वक्त गुजरता गया और धीरे-धीरे डालमियानगर के कारखाने को भी ग्रहण लगता गया और साल 1984 में उद्योग बंद हो गया जिसके बाद रोहताश जिले
जिले के इस पूरे इलाके में आर्थिक गतिविधियां ठप पड़ गई इसी जमाने में यह कागज वनस्पति तेल साबुन कास्टिक सोड़ा केमिकल इस बेस्ट समेत 219 एकड़ के इस विशाल परिसर में तेजी से 13 कारखाने खड़े थे. यहां 1933 में चीनी कारखाना के बाद 1937 में
बिहार के उस समय के राज्यपाल रहे हैं सर मूर्छित होलेटने सीमेंट कारखाने का शिलान्यास किया शाहबाद गजेटेड के अनुसार मार्च 1938 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी उद्घाटन किया था 500 टन प्रति दिन उत्पादन करने की क्षमता का कारखाना उस समय के देश का सबसे ज्यादा उत्पादन क्षमता का कारखाना था.
यानी के बिहार में देश का सबसे बड़ा कारखाना था जो कि आज बिल्कुल मिट हो चुका है सीमेंट कारखाने की मशीन देन्म्र्क से मांगी गई थी इसके बाद यहां उद्योगों का जाल बिछा दिया गया अविभाजित बिहार में टाटा जमशेदपुर के बाद यह दूसरे सबसे बड़े उद्योग समूह में से गिनती होती थी.
इसके मालिक उद्योगपति रामकेश डालमिया का महात्मा गांधी नेताजी सुभाष चंद्र बोस डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद समेत सभी स्वतंत्रता सेनानियों संबंधित है.
स्वतंत्रता आंदोलन कार्यों का वेतन मन धन से सहयोग करते थे यही वजह है कि अंग्रेजों का शासन होने के बावजूद उन्होंने कारखाने के उद्घाटन के लिए नेताजी सुभाष चंद्र बोस को बुलाया था इस परिसर को रेल मंत्रालय ने खरीदी भी लिया है लेकिन रेलवे वेगन वो कॉपर के कारखाने लगाने की परक्रिया की बात होई.
लेकिन वह भी ठप पड़ गई यहां पर ना कोई कारखाना लगा और ना रेल बैगन का कोई कारखाना सीधे तौर पर यह समझ लीजिए कि यहां के लोगों को सीधे तौर पर हर बार सिर्फ और सिर्फ ठगा गया है हर बार कोई नहीं पार्टी आती है और कहती है कि हमारी
सरकार आएगी तो हम यहां पर फिर से कहा था कारखाना लगाएंगे और फिर से यहां के लोगों को दूसरे राज्यों में पलायन नहीं करना पड़ेगा लेकिन यह सब सिर्फ बाहरी छलावा है वोट मिलने के बाद ना कभी कोई नेता दिखता है और ना कोई उनके साथ घूमने वाले लोग