nitish ignorance hurts mithila || मागधी नितीश को मिथिला के विकास से इतना नफरत क्यों
यूपी में कानपुर एअरपोर्ट का कायाकल्प हो रहा है यहाँ पर एक बड़ा एअरपोर्ट टर्मिनल का एक स्वरूप दिखाई देने लगा है आकार तैयार हो रहा है यहाँ पर काम धुआंधार गति से हो रहा है और इसकी तस्वीर जारी की है एअरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने, जिसमें साफ साफ देखा जा सकता है की टर्मिनल भवन को कितना भव्य बनाया जा रहा है लेकिन बिहार में क्या हालत है?
दरभंगा में क्या हालत है वो भी बताएंगे तो एअरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की तरफ से कहा जा रहा है की कानपुर एअरपोर्ट पर यात्रियों की संख्या में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है और इसी को ध्यान में रखते हुए कानपुर हवाई अड्डे को विकसित किया जा रहा है लगभग एक सौ चवालीस करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से नया टर्मिनल भगवान तीन थ्री टू वन प्रकार के विमानों की पार्किंग के लिए ऐपण और अन्य निर्माण कार्य तेजी से हो रहे हैं और तीन सौ यात्री जो हैं
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यात्रा कर सकेंगे ऐसी कपैसिटी बनाई जा रही है साथ ही से पूरे क्षेत्र का आर्थिक विकास होगा वहीं अगर दरभंगा की बात कर ले तो देख लीजिये यहाँ पर एक शेड लगाने के लिए एक वैकल्पिक मार्ग बनाने के लिए गेट बनाने के लिए इतने महीने लग गए पुल का उद्घाटन हो गया
लेकिन ये अब तक काम कंप्लीट नहीं हुआ जमीन अधिग्रहण की तो बात छोड़ दीजिये एक जो पार्किंग है वो भी एक रोड साइड पार्किंग जो है वो एक सामान्य, एक सतही पार्किंग दी गई है अस्थायी पार्किंग वो भी जो है वो किसी तरीके से तैयार किया गया है जो लगता नहीं है कि बस स्टैंड की पार्किंग ऐसी होगी तो ये स्तिति अब बिहार की नीतीश कुमार जहा के मुख्यमंत्री पंद्रह से बीस साल होने जा रहा है.
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इनको यहाँ पर वो स्थिती यहाँ पर उन्होंने बना के रख दिया है की नीतीश कुमार की जो सरकार है वो किस तरह से काम कर रही है, किस गति से काम कर रही है वो आप इससे अंदाजा लगा सकते हैं की यहाँ पर सुविधाओं की कितनी कमी है और दरभंगा एअरपोर्ट सफलतम उड़ान एअरपोर्ट में से नंबर वन पर है लेकिन उसकी दशा क्या है वो आप साफ साफ देख सकते हैं जमीन अधिग्रहण की का वादा किया गया था
कि जिलाधिकारी की तरफ से कहा गया था पहले की जुलाई में ही हैंडओवर करदेना है इसी साल जुलाई में लेकिन जुलाई भी गया अगस्त भी गया अगस्त भी डेडलाइन दी गई थी बीस तारीख को ये अगस्त में बीस अगस्त तक चौबीस एकड़ जो पहले फेस में देना था वो भी दे
दिया जाएगा लेकिन वो भी नहीं हुआ और इसका फॉलोअप नहीं है नीतीश कुमार की तरफ से उनके विभाग की तरफ से उनके मंत्रालय की तरफ से कोई फॉलो अप नहीं, बस उनको हैं की अपनी सरकार को कैसे रखना है, कैसे सहयोगियों को बदलकर सरकार चलाना है, उसी पर उनका फोकस है पटना की बात कर लीजिये वहाँ पर काम बहुत तेज़ गति से चल रहा है यहाँ पर मल्टीलेवल पार्किंग बन रहा है,
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यहाँ पर भव्य टर्मिनल बन रहा है, विस्तार किया जा रहा है पचीस लाख हैं यात्री जो सालाना हो उसको अस्सी लाख यात्री की कैपेसिटी बनाई जा रही है और इसकी भी तस्वीर है पोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने जारी की है तो ऐसा नहीं है कि काम नहीं हो रहा है पटना में खूब हो रहा है पटना एअरपोर्ट के आदि को नवीनीकरण के काम में तेजी है और अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस टर्मिनल भवन, मल्टीलेवल पार्किंग, एटीसी टावर और उसके बाद फायर स्टेशन कार्गों बिल्डिंग, प्रशासनिक इमारत समेत तमाम कर तरह के काम हो रहा है.
पटना एअरपोर्ट के पुनर्विकास के बाद अस्सी लाख यात्री प्रति वर्ष जो है यहाँ से यात्रा कर सकेंगे अभी पच्चीस, लाख की कपैसिटी है इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि पटना पर तो खूब मेहरबानी है लेकिन एकमात्र जो उत्तर बिहार में दरभंगा एअरपोर्ट को चालू किया गया उसको छोड़ दिया गया तो ये इसीलिए तो ये मांग उठ रही है अलग मिथिला राज्य क्योंकि यहाँ पर लोग जो है बगैर एसी के भीड़भाड़ में ऐसा लगता है,
बस स्टैंड की भी स्तिति इससे अच्छी होगी वहा भी खुला खुलासा होगा, लेकिन यहाँ पर देखिये किस तरह से मारा मारी मची रहती है हालांकि अभी हाल के दिनों में यात्रियों की संख्या और विमानों की संख्या में कमी आयी है चुकी हैं स्पाइसजेट के ऊपर कुछ प्रतिबंध लगाए गए हैं इस कारण से फ्लाइट की संख्या कम हुई है, लेकिन इस स्थिती वही है भीड़भाड़ वाली स्थिती है टर्मिनल विस्तार का काम या जो भी है, अधिग्रहण का काम बहुत स्लो है
अब जब तक के राज्य सरकार या जिला प्रशासन हैंडओवर नहीं करेगी, जमीन तब तक के एअरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया क्या करेगा? लेकिन सवाल ये है की फॉलो अप भी तो नहीं है? मंत्रालय की तरफ से भी नहीं है, ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरफ से भी नहीं है क्योंकि वो एक एक बार भी वो मुलाकात करेंगे या बात करे या आए यहाँ दौरा करें ये स्थिती का जायजा ले, वो भी नहीं है तो स्थिती वही है कि प्रशासनिक स्तर पर सरकारी स्तर पर मामला फंसा हुआ है.
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यार ये इससे ना तो ज्योतिरादित्य सिंधिया को मतलब हैं, वो भी बिहार सरकार के ऊपर आप डालने का तो उनको हो गया होगा क्योंकि अब पाला बदल लिया नीतीश कुमार ने तो वो ये सोच करके की नीतीश कुमार जो है वो राजनीतिक मसला हो गया ना ही तेजस्वी यादव को मतलब हैं जो नए नए अभी डिप्टी सीएम बने हैं अगर वो चाहें तो इस मामले में स्पीड अप हो सकता है
और यही वजह है कि मिथिला राज्य की मांग उठ रही है मिथिला से लेकर दिल्ली तक ये हैं और जंतरमंतर पर एक विशाल प्रदर्शन हुआ वहाँ पर एमएसयू द्वारा और ये मांग उठाई जा रही है कि आखिर ये भेदभाव क्यों है? स्व ताला व्यवहार क्यों है? एक सफल एअरपोर्ट को बर्बाद क्यों किया जा रहा है, क्यों नहीं इसे जल्द से जल्द इसका विस्तार किया जा रहा है जीस तरह से यूपी में हो रहा है.
देश के बाकी राज्यों में हो रहा है की तमाम जगहों पर जो है वो नए एअरपोर्ट खड़े हो रहे हैं वो आकार ले रहे हैं कानपुर एअरपोर्ट हो गया तमाम जगह शिमोगा एअरपोर्ट भी हो गया वहीं बिहार में एकमात्र एअरपोर्ट मगर बना उसका भी विस्तार प्रॉपर तरीके से या फास्ट तरीके से नहीं हो पा रहा है तो इसके लिए आखिर जिम्मेदार कौन है? इतनी भागमभाग मच आई हुई सांसद गए, दिल्ली गए, तमाम मंत्रियों से मिले,
उनको ज्ञापन सौंपा, लेकिन कुछ हुआ नहीं नीतीश कुमार ने भी सरकार अपने सहयोगी बदल ली है सरकार के और डबल इंजिन से सिंगल इंजिन हो गया, लेकिन फिर भी स्थिती वही ढाक के तीन पात है अगस्त गुजर गया है अब सितंबर शुरू हो गया है अब ये कब हैंडओवर होगा? चौबीस, एक करोड़ चौवन एकड़ की तो बात छोड़ दीजिये पहले फेज में जो चौबीस एकड़ जमीन मिलनी थी वो नहीं मिली है
अब तक और वो प्रशासन में कहाँ अटकी हुई है कौन से डिपार्टमेंट में अटकी हुई है पटना में अटकी हुई है वो कुछ पता नहीं है और ना ही उसकी कोई जानकारी सामने आ सकी है लेकिन बड़ा सवाल यही है की कोई ना कोई तो फाइल दबाकर बैठा हुआ है जो चाहता है की दरभंगा का एअरपोर्ट का विकास ना हो, मिथिला का एअरपोर्ट विकसित ना हो, शायद ऐसे ही लग रहा है क्योंकि तमाम यहाँ के जो नेता हैं,
मंत्री हैं वो इस मसले पर खामोश दिखाई दे रहे हैं और आसपास के राज्यों में धुआंधार तरीके से काम और इवन पटना में काम हो रहा है धुआंधार तरीके से तो इससे आप अंदाजा लगा सकते है की किस तरह से मिथिला के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है