जानिये जोगबनी दानापुर एक्सप्रेस ट्रेन कब तक चेलगी? -नमस्कार दो सौ उसमें आपका स्वागत है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर्नाटक चुनाव में व्यस्त रहे उसके बाद वो राजस्थान पहुंचे के रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव अमेरिका में हैं उन्होंने गूगल के सुंदर पिचाई से मुलाकात की लेकिन इन दोनों के पास इतना समय नहीं है कि बिहार की परियोजनाओं को पर नजर रखी जा सके और जो ट्रेन है
मंजूर कर दी गई है उसको जो है उसको हरी झंडी दिखा सके क्योंकि पिछले कई दिनों से ये जो है वो13 दिन हो गए करीबन वो मंजूरी मिल गई है जो जोगबनी से दो एक्सप्रेस ट्रेन चलनी है लेकिन उस को हरी झंडी अब तक नहीं दिखाई गयी है इंतजार है प्रधानमंत्री मोदी समय दे या रेलमंत्री समय दें और वो कब समय मिलेगा ये किसी को पता नहीं है
इस बीच जो एरिया के सांसद हैं पीके सिंह, प्रदीप कुमार सिंह उन्होंने ट्वीट करके जानकारी दी है की जल्द ही ये ट्रेन चलाई जाएगी और पीएम मोदी उस को हरी झंडी दिखायेंगे तो उन्होंने जो ताजा ट्वीट किया है पीके सिंह ने वो कह रहे है की जोगबनी दानापुर, जोगबनी सहरसा के बीच जल्द शुरू होगी रेल सेवा जल्द शुरू होगी डेट नहीं बता रहे हैं और आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णवदिखाएंगे हरी झंडी और इन दोनों के पास समय नहीं है
जानिये जोगबनी दानापुर एक्सप्रेस ट्रेन कब तक चेलगी?
क्योंकि दोनों अपने अपने उनकी व्यवस्थाएँ इतनी ज्यादा है कि उन्हें बिहार के लिए समय नहीं मिथिलाके लिए समय नहीं है और जो रेल जो ट्रेन मंजूर कर ली गयी पटना की इंटरसिटी वो नहीं चल पा रही है तो दिल्ली की बात तो छोड़ दीजिये क्योंकि दिल्ली के भी दूर है और आपको बता दें कि पी के सिंह ने एक दिन पहले भी ट्वीट किया था इस बार बाकी सांसदों का तो पता नहीं है, लेकिन पीके इस पर ऐक्टिव नजर आ रहे हैं
और उन्होंने लिखा था कि जोगबनी दानापुर, जोगबनी, सहरसा एक एक जोड़ी जो एक्सप्रेस ट्रेन है उसकी स्वीकृति के बावजूद अबतक अबतक परिचालन शुरू नहीं किए जाने के संबंध में अतिशीघ्र रेल के अधिकारियों से बात करूँगा और इस ट्रेन के जल्द से जल्द शुरुआत कराने की प्रयासरत रहूंगा और उन्होंने कहा की जब उन्होंने ट्वीट किया और अधिकारियों से बात करने की बात कही तो हो सकता है की बात करने के बाद ही उन्होंने ये कहा होगा की ये प्लान है की पीएम मोदी उस को हरी झंडी दिखाए और रेलमंत्री उस को हरी झंडी दिखाए हो सकता है
अमेरिका से आने के बाद रेलमंत्री का कार्यक्रम हो, लेकिन सवाल अहम यही है की अगर तेरह चौदह पंद्रह दिन तक स्वीकृति के बाद भी अगर ये फाइल अटकी हुई है और हरी झंडी के इंतजार में अटकी हुई है तो इससे बड़ी शर्मनाक बात कोई और हो नहीं सकती क्योंकि ये पूरा जो रेलखंड है
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वह ट्रेनों के लिए ट्रेनों की जो है वो उस से जूझ रहा है उससे और पटना इंटरसिटी इतनी बड़ी मुश्किल से मिली वह ट्रेन जो है वो नहीं मिल पा रही है तो आप सोचिये की दिल्ली की ट्रेन या कोलकाता की ट्रेन या मुंबई की ट्रेन जब आगे मिलनी है
उसका क्या होगा और बिहार को लेकर के जो रेलमंत्री और जो केंद्र सरकार का रवैया है उससे यही ज़ाहिर हो रहा है की वो कितनी प्राथमिकता दे रहे हैं इस रेलखंड को और सबसे बड़ी बात कि मिथिला के बाकी सांसद क्या कर रहे हैं? वो क्या क्यों नहीं आवाज उठा रहे हैं, यह बड़ा सवाल है तो कैसा लगा?