jhanjharpur se long route ka train kab

jhanjharpur se long route ka train kab || झंझारपुर से लंबी दूरी की ट्रेन का लंबा इंतजार

jhanjharpur se long route ka train kab झंझारपुर से लंबी दूरी की ट्रेन का लंबा इंतजार

 झंझारपुर निर्मली का इंतजार बहुत लंबा होता जा रहा है लंबी दूरी की ट्रेन अब तक यहाँ नहीं मिली है वहीं लहेरियासराय और सहरसा वाली ज्योति इन ट्रेन चल रही है वहीं चल रही है लेकिन अब आने वाले दिनों में हो सकता है ये इंतजार जल्द खत्म हो जाए क्योंकि जो बीज है.

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निर्मली के पास या बाकी जगहों पर वो बहुत ही एडवान्स्ड स्टेज में पहुँच गया है ट्रैक बिछाने का काम भी कंप्लीट हो गया है एप्रोच से कनेक्ट कर दिया गया है ट्रक को, लेकिन अभी इसको जो मेन लाइन है उससे कनेक्ट करना बाकी है और उसकी प्रक्रिया चल रही है तो बड़ी चीज़ यह है कि निर्मली के पास बहुत तेजी से काम हो रहा है जो नया ब्रिज बनाया जाना था और उसका जो अप्रोच बनना था नई लाइन बनी थी ताकि जो ट्रेन की रफ्तार है.

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उसको सौ किलोमीटर से ऊपर चलाया जा सके और आगे जो भविष्य में एक सौ, अस्सी दो सौ की जो टारगेट रखा गया है कि दो सौ किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें चले सेमी हाइस्पीड ट्रेन उस आधार पर यह ट्रैक को रेडी किया जा रहा है और उसके लिए जरूरी है कि पुल जो है वो मजबूत हो और साथ के साथ ट्रैक भी जो है बहुत ऐडवान्स हो और उसको लेकर के जो है.

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निर्मली के पास अच्छी खबर ये है की जो नया ब्रिज बन रहा था उस ब्रिज को जो है वो बना लिया गया है और उसके साथ साथ अब अप्रोच की जो लाइन है वो भी दिखने लगी है, वो भी बिछने लगी है तो सबसे बड़ी चीज़ ये है की आप इंतजार लंबी दूरी की ट्रेन का है कि आखिर इस लाइन का इस्तेमाल आम पब्लिक को कब मिलेंगे दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, पटना जो लंबी दूरी की ट्रेन या फिर जो मांग की जा रही है.

पूर्वोत्तर से जोड़ने की दरभंगा को वाया झंझारपुर सुपौल हो करके वो कब होगा वो देखना अभी बाकी है हालांकि लाइन जो है वो फारबिसगंज के पास अटकी हुई है फारबिसगंज के सीताधार के पास अटकी हुई है लाइन वो क्लियर नहीं हो रही है अभी तक हालांकि बहुत बीच में बहुत तेज़ गति से काम हुआ था लेकिन फिर लगता है जैसे फंड खत्म हो  गया होगा,

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अब जो नया फंड मिलेगा या फिर अगले वित्तीय वर्ष में जो बजट आएगा हो सकता है उसके बाद वो काम सीताधार से आगे बढ़ेगा क्योंकि फिलहाल ये है की निर्मली के पास वो काम दिख रहा था और ये जो ट्रैक बिछाने का काम है, हो रहा है लेकिन उसके बाद एक और अड़चन ये है की विद्युतीकरण का भी जो है काम हो रहा है और वो भी देखना होगा 

क्या विद्युतीकरण के बाद लंबी दूरी की ट्रेन मिले गी या फिर ये जो नया पुल और अप्रोच बन जायेगा उसके बाद लंबी दूरी की ट्रैन  मिलेंगी ये अभी देखना बाकी है लेकिन अच्छी चीज़ ये है केस जो है वो पुल तैयार हो गया है, उसके साथ एप्रोच भी तैयार हो गया है, लेकिन इंतजार अभी तक खत्म नहीं हुआ है इधर के लोगों का की उन्हें जो हैं.

लंबी दूरी की ट्रेन कब मिले गी या फिर जो विस्तारित ट्रेन होनी है या हो सकती है, उसकी सम्भावनाये जो है अभी तक ना टटोली जा रही है, ना खंगाली जा रही है अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में ये इंतज़ार मिथिला के इस क्षेत्र का कब समाप्त होता है? लेकिन इतना है की सिर्फ लोग जो है अभी फिलहाल जो पैसेन्जर ट्रेन है उसका  का जो है.

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वो लाभ ले पा रहे हैं और उसी पर उनकी निर्भरता है लोकल ट्रेनें ही चल रही है और लंबी दूरी की एक्सप्रेस ट्रेनें नहीं चल रही है खास करके जो गुवाहाटी की मांग उठ रही थी कि दरभंगा से गुवाहाटी ट्रेनिंग दे दी जाए वाया झंझारपुर और म धेपुरा सहरसा होकर के कटिहार होकर के वो फिलहाल अभी तक नजर नहीं आ रही है और उस पर कोई विचार नहीं हो रहा है इससे जनप्रतिनिधियों को भी ये मांग और ज़ोर शोर से 

उठाने की जरूरत है जैसे गोड्डा के सांसद उठाते हैं और अपने क्षेत्र में ले जाते हैं ट्रेनों को उस तरीके से मांग उठाने की आवश्यकता है वोहा  के क्षेत्र सांसदों को खास करके रामप्रीत मंडल झंझारपुर के सांसद हैं दरभंगा के साथ साथ जो गोपालजी ठाकुर है, सहरसा के दिलेश्वर कामत है, पूर्णियां के संतोष कुशवाहा है मधेपुरा के सहरसा के जनप्रतिनिधि हैं.

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उनको ये मांग प्रमुखता से उठाने की आवश्यकता है दिल्ली में रेलमंत्री से रेल मंत्रालय से रेलवे बोर्ड से और तब जाकर हो सकता है उनके कान पे दूर रहेंगे और क्योंकि ये कोई व्यवस्था नहीं है कि जब ट्रैक बन जाएगा ये दूसरा पुल बन जाएगा या फिर कोई विद्युतीकरण हो जाए तब आप नई ट्रेन दें ऐसी व्यवस्था में भी ट्रेनें मिल सकती है जैसे गोड्डा में मीलती है.

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या बाकी जगह जो सांसद जहाँ से करवाना चाहते हैं उनकी पहुँच ज्यादा है, वो दिलवा देते हैं अपनी क्षेत्र में ट्रेन तो यहाँ भी दिलवाया जा सकता है बशर्ते कि उस पर कॉन्स्टेंट ली काम किया जाए, लगा जाए, मिला जाये और उस पर जो है पत्राचार हो और दबाव बने तब जाकर के इस्थिति कुछ यहाँ पर बदल लेगी फिलहाल तो ट्रैक नया बिछ रहा है, पुल भी नया हो रहा है,

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लेकिन सामने कुछ दिखाई नहीं दे रहा है

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