भारतीय रेलवे का ये बड़े 15 योजना बन कर है bihar में तैयार जाने क्या है योजनाये
बिहार जीस तेजी से रोड नेटवर्क में लगातार नए नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है जैसे बिहार में लगभग हर जिले में फ्लाईओवर, फ़ोर लेन, सड़क, सिक्सलेन सड़क, नदियों के ऊपर लगातार ब्रिज बनाकर सभी जिलों और दुसरे राज्यों से कनेक्ट हो रहा है पर क्या भारत का सबसे
सरल और सुगम यात्रा के लिए जाना जाने वाला भारतीय रेल भी बिहार के लोगों के सफर को और आसान बनाने के लिए कार्य कर रहा है? तो
आइए आज जानते हैं भारतीय रेल की बिहार में कौन कौन से वो प्रोजेक्ट है जो कंप्लीट हो चूके हैं ध्यान दीजियेगा इस में हम उन प्रोजेक्ट्स पर बात करेंगे जो कंप्लीट हो चूके हैं तो चलिए दोस्तों यात्रा शुरू करते हैं.
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बिहार में पिछले आठ वर्षों में रेलवे द्वारा आधारभूत संरचना को मजबूत करने के लिए नई लाइन, आमान परिवर्तन, दोहरीकरण व विद्युतीकरण के क्षेत्र में कई कार्य पूरे किए गए हैं, जिससे इस क्षेत्र में विकास को एक नई दिशा मिली है सूबे में रेलवे की आधारभूत संरचना एवं यात्री सुविधा
के विकास के लिए दो हज़ार चौदह से दो हज़ार बाईस तक प्रति वर्ष औसतन उनतालीस सौ साठ करोड़ रुपये का आवंटन किया जा रहा है.
इसी कारण बिहार में काफी तेजी से लंबित रेल परियोजनाओं के साथ ही नई परियोजनाओं को भी पूरा किया जा सका है दोस्तों कोशी नदी पर अट्ठासी वर्ष के बाद कोसी और मिथिलांचल के बीच रेल संपर्क पुनः स्थापित होने से रेलवे यातायात सुगम हुआ है हाल ही में सोन नदी पर डेहरीऑनसोन और सोननगर के बीच नए पुल, हाजीपुर एवं सोनपुर के बीच गंडक नदी पर दूसरा रेल पुल तथा कोसी नदी पर कटारिया और कुर्सेला के बीच एक नया पुल का निर्माण कार्य भी पूरा किया गया है.
पूर्व मध्य रेल के सीपीआरओ ने बताया कि साल दो हज़ार चौदह से दो हज़ार बाईस तक रेलवे द्वारा बिहार में तीन सौ नौ किलोमीटर नई रेल लाइन तीन सौ सत्तर किलोमीटर रेल लाइन का अमान परिवर्तन दो सौ तैंतालीस किलोमीटर लाइनों का दोहरीकरण पूरा करते हुए उन पर ट्रेनों
का परिचालन प्रारंभ किया जा चुका है उन्होंने कहा है कि दो हज़ार अठारह से दो हज़ार उन्नीस में आठ किलोमीटर लंबे बिरौल हरनगर नई रेललाइन एवं चौदह किलोमीटर लंबे रामदयालु पुरानी एवं चौदह किलोमीटर लंबे कुड़ी भगवानपुर रेलखंड दोहरीकरण का कार्य पूरा कर लिया गया है.
इसके साथ ही बयालीस किलोमीटर लंबे रक्सौल नरकटियागंज एक ग्यारह किलोमीटर लंबे सकरी मंडन मिश्र सोलह किलोमीटर लंबे सहरसा गढ़ बरुआरी एवं सोलह किलोमीटर बनमनखी बड़हरा कोठी रेलखंड का आमान परिवर्तन का कार्य पूरा कर लिया गया है
साल दो हज़ार उन्नीस से दो हज़ार बीस में तीस किलोमीटर लंबे भोजपुर वैशाली नई रेललाइन एवं इक्कीस किलोमीटर लंबे इस्लामपुर नटेसर नई रेल लाइन तथा दस किलोमीटर लंबे समस्तीपुर किशनपुर चौदह किलोमीटर लंबे भगवानपुर घोसवर बीस किलोमीटर लंबे पचवारा
मोदिनगर तेरह किलोमीटर लंबे मोहिउद्दीननगर से शाहपुर पटोरी अठारह किलोमीटर लंबे मानपुर वजीरगंज तथा चौदह किलोमीटर लंबे बख्तियारपुर लिंक बाढ़ रेलखंड का दोहरीकरण का कार्य पूरा कर लिया गया है.
इसके साथ ही पच्चीस किलोमीटर लंबे सुपौल सरायगढ़ ग्यारह किलोमीटर लंबे गढ़ बरुआरी सुपौल एवं मण्डल झांझरपुर रेलखंड का अमान परिवर्तन का कार्य पूरा किया गया है इसके अलावा साल दो हज़ार बीस से इक्कीस में तेरह किलोमीटर लंबे सरायगढ़ आसपुर उपहार नई रेललाइन एवं नौ किलो मीटर लंबे दरभंगा थलवारा रेलखंड का दोहरीकरण पूरा हुआ है.
तो ग्यारह किलोमीटर सरायगढ़ राघोपुर एवं नौ किलो मीटर लंबे झांझरपुर तमुरिया रेलखंड का आमान परिवर्तन का कार्य पूरा किया गया है अभी अप्रैल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने भारत नेपाल रेल परियोजना के तहत प्रथम चरण में नौ आमान परिवर्तन जयनगर जनकपुर धामपुर था रेलखंड पर डेमू ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था.
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