Madhubani me ghumne ki jagah,मधुबनी जिले के पर्यटन स्थल

Madhubani me ghumne ki jagah,मधुबनी जिले के पर्यटन स्थल

Madhubani me ghumne ki jagah,मधुबनी जिले के पर्यटन स्थल

नमस्कार, दोस्तों आज हम आपको अपने इस बिहार पर्यटन सीरीज में मधुबनी लेके चलेंगें उत्तर बिहार में आने वाला यह जिला दरभंगा प्रमंडल के अंतर्गत आता है दरभंगा एवं मधुबनी को मिथिला संस्कृति का द्विध्रुव माना जाता है 

Madhubani me ghumne ki jagah,मधुबनी जिले के पर्यटन स्थल

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मधुबनी का नाम लेते ही जो सबसे पहली तस्वीर दिमाग में आती है वो है वहाँ की खूबसूरत पेंटिंग आपको जानकर आश्चर्य होगा की ये पेंटिंग पेड़ पौधे के रंग और दीए की कालिख से बनाए जाते हैं साथ ही मैथिली हस्तशिल्प में कताई और बुनावट का अहम स्थान है और यह पूरे देश में प्रसिद्ध है और इसके अलावा यहाँ मौजूद विभिन्न प्रकार के पुरातत्विक संपदा मधुबनी पर्यटन को और भी समृद्ध बना देती है.

 तो चलिए बताते है आपको वहाँ के पर्यटन के स्थलों के बारे में पहला है

  • सौराठ मधुबाला का सौराठ

सौराठ मधुबाला का सौराठ जगह दो चीजों के लिए प्रसिद्ध है एक है सोमनाथ मंदिर, जिसके बारे में कहा जाता है कि इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग गुजरात के सोमनाथ से लाया गया है सौराठ का नाम भी गुजरात के सौराष्ट्र से मिलता जुलता है 

सोमनाथ से शिवलिंग लाए जाने के कारण ही इस जगह का नाम स्वराज पड़ा, जो सौराष्ट्र का ही अपभ्रंश है

 प्रसिद्ध सौराठ सभा में शादी के लिए इच्छुक वर वधू के परिजन जुड़ते थे आषाढ़ में लगने वाले इस सभा में प्रतिवर्ष देश विदेश से लाखों ब्राह्मण पहुंचे थे इसमें वैवाहिक संबंध तय होते थे बिना किसी तामझाम और दहेज के शादी होती थी इस सभा की शुरुआत तत्कालीन राजा हरि सिंह देव ने लगभग सात सौ साल पहले तेरह सौ दस ईसा में किया था

 हालांकि यह सभा पहले की तरह नहीं रही परंतु अब भी इस प्रथा को वहाँ के लोगों द्वारा जिंदा रखा गया है दूसरा है

  • डॉ लाखा बहल नौलखा

डॉ लाखा बहल नौलखा बहल का निर्माण मधुबनी जिले के राजनगर में सत्रह वीं शताब्दी में हुआ था कहा  जाता है कि इस महल और भव्य मंदिर को बनवाने के लिए महाराजा रामेश्वर सिंह ने सत्रह वीं शताब्दी में नौ लाख चांदी के सिक्के खर्च किए थे इसलिए इस महल का नाम नौलखा मंदिर पड़ा पूरा महल हाथी के आकार के विशाल पिलर पर बना है 

जहाँ जहाँ भी पिलर की जरूरत थी वहाँ वहाँ विशाल हाथी बनाया गया है और उसके ऊपर पूरी महल को एक भव्य रूप देकर निर्माण करवाया गया है उन्नीस सौ चौंतीस में आए भूकंप में या महल बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था जिसके बाद दरभंगामहाराज  के बाईस में महाराज कामेश्वर सिंह ने पुनः से संवारा लेकिन 

उन्नीस सौ अट्ठासी में आए भयंकर भूकंप में यह महल फिर से ध्वस्त हो गया वर्तमान में महल के भाग में अवशेष अभी मौजूद हैं फिर आता है

  • कपिलेश्वर मंदिर

कपिलेश्वर मंदिर यह मंदिर रहिका प्रखंड में कपिलेश्वर गांव में स्थित है मान्यता है कि मंदिर कपिल मुनी द्वारा स्थापित है

 यहाँ सालों भर प्रतिदिन भारी संख्या में श्रद्धालुओं द्वारा दर्शन पूजन एवं जलाभिषेक किया जाता है साथ ही यहाँ प्रतिवर्ष श्रावण मास में एक महीने तक श्रावणी मेला का आयोजन किया जाता है इस दौरान यहाँ पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का अभी आयोजन किया जाता है  अगला है 

  • उग्रनाथ महादेव

उग्रनाथ महादेव मिथिलांचल का अति महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक यह मंदिर पंडौल प्रखंड के भवानीपुर गांव में स्थित है कहा जाता है कि थ्री के महान कवि विद्यापति से यह मंदिर जुड़ा है मान्यताओं के अनुसार विद्यापति शिव के इतने अनन्य वक़्त  थे कि स्वयं शिव ही उगना बनकर उनकी सेवा करने लगे थे आगे बात करेंगे

  • भगवती साल उच्च

भगवती साल उच्च के मिला के एक प्रसिद्ध सिद्धपीठ के नाम से जाना जाने वाला भगवती स्थान उच्चैठ बेनीपट्टी अनुमंडल में स्थित है भगवती मंदिर के गर्भगृह में माँ दुर्गा सिंह पर कमल के आसन पर विराजमान हैं

इन्हें  छिन्नमस्तिका दुर्ग भी कहा जाता है क्योंकि दुर्गा माँ सिर्फ कंधे तक ही दिखाई देती हैं कंधे से ऊपर इनका सिर नहीं है मान्यताओं के अनुसार कालिदास पहले  काफी मूर्ख थे परंतु इसी स्थान पर माँ दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त कर वो संस्कृत के प्रसिद्ध कवि और नाटककार बने दोस्तों, मधुबनी अपने यहाँ आने वाले पर्यटकों पर जादुई असर करता है 

Madhubani me ghumne ki jagah

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जो पर्यटक यहाँ आते हैं वे इस स्थान की खूबसूरती और विरासत से इनकार नहीं कर सकते कम से कम इतना तो कहा ही जा सकता है कि आपको एक बार मधुबनी घूमने जरूर जाना चाहिए तो दोस्तों बिहार के पर्यटन स्थलों में हमने आज आपको मधुबनी जिले के पर्यटन स्थलों के बारे में बताया अगले पोस्ट  में हम आपको बिहार के अन्य जिलों के दर्शनीय स्थलों के बारे में बताएंगे आपको बता दें, इस वीडियो में दी गई जानकारी हमने इंटरनेट से ली है

 अगर किसी तरह की टूटी हुई है तो उसके लिए हम क्षमा चाहते है इसके साथ ही अगर आपने कभी इस जिले का भ्रमण किया है या आप इस जिले के हैं तो आपके अनुसार इस जिले का कोई पर्यटन स्थल हमारी तरफ से छूट गया है तो हमें कमेंट करके जरूर बतायें, जिसका जिक्र हम अगले पोस्ट  में करने की जरूर कोशिस करेंगे 

इसके साथ ही आप इस जिले के अपने पसंदीदा जगह के बारे में भी हमें कमेंट करके जरूर बताइए

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